Saturday, November 17, 2018

एक संदेश भगवा धारियों के नाम  Part 1



देख रहा हूं आजकल भगवा का रंग हर तरफ उड़ रहा है |कई लोग इस रंग में रंगे है | कार्य गलत नहीं है ,लेकिन  मैं उन भगवाधारीयों से सवाल करनाा चाहता हूँ कि क्या सिर्फ भगवा के रंग में रंगना हीं महत्वपुर्ण हैं?  या फिर महत्वपूर्ण यह है कि भगवा का महत्व ,भगवा का इतिहास हर घर तक पहुंचाया जाए |
हिंदू मुस्लिम की लड़ाई कई वर्षों से चली आ रही है ,तो ऐसे में क्या आपका और हमारा फर्ज नहीं कि हम इसे बंद करें और हम शांति का माहौल स्थापित कर भगवा की शान बढ़ाए बजाए कि उपद्रव कर | मैं ऐसा नहीं कहता कि आप हमेशा उपद्रव करते हैं ,नहीं | किंतु कई बार परिस्थितियां उपद्रव का रूप धारण कर लेती है ,जो कि गलत है |
मैं उन फतवा धारियों से भी सवाल करना चाहता हूँ कि,  क्यों आप सब  सिर्फ शांति करने का दिखावा करते हों, क्यों आप अंदरूनी शांति स्थापित करने को तैयार नहीं होते हैं |
आपको अजमेर शहर का उदाहरण देता हूं | पूरे भारतवर्ष में सिर्फ एकमात्र शहर जो हिंदू- मुस्लिम एकता की मिसाल देता है |चाहे हिंदुओं का कोई भी त्यौहार हो ,सभी मुस्लिम भाई मिलकर ,सदैव ,कई वर्षों से ,निरंतर रूप से, सामूहिक सद्भावना स्थापित कर, आपसी बैर को भुलाकर एक -दुसरे का तहे दिल से इस्तकबाल  करते हैं  |
अगर सिर्फ धर्म की  रक्षा करनी हैं तो दिखावा कर रैली निकालो और  अगर मानवता की रक्षा करनी हैं, सद्भावना की रक्षा करनी है तो धर्म की पालना करते हुए मैत्री संबंधों का निर्माण करों |
भारत एक ऐसा देश है जहां अनेक धर्म के लोग निवास करते हैं |  विविधता में एकता से सुशोभित एकमात्र देश | वह देश जहाँ  भगवान महावीर के आदेश पर शेर और गाय भी एक पात्र में पानी पी लिया करते हैं; तो फिर हिंदू - मुस्लिम की लड़ाई क्यों ?
"कोई भी धर्म किसी भी  व्यक्ति को  कुछ भी गलत बात नहीं सिखाता , हम हमारे आचरण से अच्छी बातों को भी गलत बातों में बदल देते हैं और फिर धर्म  को दोष देते हैं ,आखिर ऐसा क्यों ?"
मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम  के विचारों का , उनके आचरण का पालन करों |
  अगर तुम भगवा को हीं  अपना सब कुछ मानते हों तो एक कड़वा सवाल , एक कड़वी  बात आप से करता हूँ
:- क्या आपने अपने भाई का विषम परिस्थितियों में साथ दिया है?
क्या आपने अपने पिता की आज्ञा का बिना किसी उपेक्षा के पालन किया है ?

अगर हां करा है तो भगवा को अपनी रघों में उतार लों, और नहीं तो सोचो लक्ष्मण के बारे में ,प्रभु भरत के बारे में जिन्होंने अपने भाई का कठिन से कठिन ,विषम परिस्थितियो में भी साथ नहीं  छोडा़ | श्री राम अपने पिता के एक आदेश पर गृहस्थी का त्याग कर  वनवास को चल दिए | इसलिए पहले प्रभु श्री राम के आचरण की  पालना करो , फिर भगवा के रंग में उतरों |
आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज कहते हैं ना कि "चरण  नहीं आचरण छुओं " शब्द चार हीं हैं  लेकिन पूरे जीवन के संस्कारों का सार इसी में हैं | जो समझ गया समझो वो इस भवसागर से तर गया |
देख रहा हूं कि  कई लोग सोशल मीडिया पर भगवा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं |  व्हाट्सएप पर अपनी dp पर भगवा के  रूप में श्रीराम,  स्टेटस पर भगवा का वीडियो लगा रहे हैं |उन लोगों से सवाल करता हूं क्या यहीं  सब  महत्वपुर्ण हैं  भगवा का मान बढ़ाने के लिए | क्या यह महत्वपुर्ण  नहीं कि  भगवा से  किसी का शरीर ढ़का जाए , उस भगवा से किसी शरीर की  लाज बचाई जाए |
भगवामयी हों तो उस भगवा का आदर करों |  अन्यथा भगवा का त्याग कर दो , क्योंकि तुम्हें किसी ने कोई हक नहीं दिया है इस पवित्र भगवा का अपमान करने का| भगवा  के आदर से तात्पर्य सिर्फ यहीं नहीं हैं कि  भगवा का  हीं मान करो और ; औरो का नहीं |
आपके माता पिता के आदेशों का पालन , आपके भाई की विषम परिस्थितियों में आपके द्वारा उनकी  लक्ष्मण बन मदद करना भी भगवा का मान करने जैसा ही हैं | यह कैसरिया  रंग मात्र केसरिया नहीं ;यह अपने आप में पूरी सृष्टि समेटे हुए हैं |
  गर्व होता है जब हम कहते हैं कि हम भगवाधारी है , परंतु वहीं दूसरी तरफ दुःख भी होता है जब हम खुद उस  भगवा का अपने आचरण से अपमान करते हैं |
बुराईयाँ  सभी में होती हैं, लेकिन उन बुराइयों पर जीत पाना ही भगवा का संदेश है|  और हमारे देश नें हीं तो अपनी बुराइयों पर  जीत पाकर   विविधताओं  में एकता का निर्माण किया है,  इसलिए ही तो यह भगवाधारी है और भगवा धारियों का देश हैं|
जब भगवा की झलक ही साक्षात मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन करा देती है तो जरा सा  सोचो ना , कि भगवा को अपने आचरण में उतारने पर क्या - क्या होगा |

"मेरे अंदर तो  वह ताकत नहीं हैं कि मैं इस पवित्र भगवा की महिमा का, उसकी गाथा का वर्णन कर सकूं, लेकिन मेरे शब्दों में वह ताकत है जो भगवाधारियों के सीने में उतर कर उसका मन परिवर्तित कर सकती हैं|"

भगवाधारी हों तो अपनी नजरों में वह पवित्रता लाओ ,कि जब भी कोई स्त्री पास में से गुजरे तो तुम्हारी आंखों में सनी लियोनी,  करीना कपूर की जगह मां सीता का चित्र आ जाए|  मैं ऐसा नहीं कहता कि रैप सदैव आप ही करते हैं ,लेकिन जो करते हैं वह भली भांति जानते भी है और समझ भी रहे हैं|  ध्यान रखना एक इंसान की पवित्र नज़रे कई इंसानों कि नज़रें पवित्र कर सकती हैं | अगर वो पवित्रता आ गई तो भारत एक दिन रेप मुक्त देश बन जाएगा |..............शेष भाग पार्ट 2में 
जय भारत माता
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