Saturday, September 14, 2019

राज़

अपने "राज़" हर किसी को  युं बताया ना करो,
चाहे कितना भी "अपना" हो कुछ राज़ तो "छुपाया" करो,
अपने ही तो हैं जिन्हें हमारे हर राज़ से "फर्क" पड़ता हैं,
वरना "गैरों" को इतनी "फुर्सत" कहाँ; कि वो हमारे राज़ को "आवाम" कर दे ||

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