गमों को खुशी में बदल देना चाहता हूँ,
तुझे पाने की चाहत हैं, तुझे पाना चाहता हूँ ||
हर तरफ तेरे इश्क की इस नशीली- हवा,
को पूरी तरह से फैला देना चाहता हूँ ||
बहाकर खुद को तेरी इस हवा में,
मैं पूरी तरह से मदहोश होना चाहता हूँ ||
इस मदहोशी को ,मैं बरकरार रखना चाहता हूँ,
तुझसे इश्क कर,खुद को तेरा गुलाम बनाना चाहता हूँ ||
मैं तेरे हाथों की कलम बनना चाहता हूँ,
तु लिखे जिसे हर कागज पर, वो लफ्ज़ बनना चाहता हूँ ||
पूरे जहाँन में चर्चें हों हमारी मोहब्बत के,
तुझसे कुछ ऐसी मोहब्बत करना चाहता हूँ ||
तुझसे कुछ ऐसी मोहब्बत करना चाहता हूँ.....
©
तुझे पाने की चाहत हैं, तुझे पाना चाहता हूँ ||
हर तरफ तेरे इश्क की इस नशीली- हवा,
को पूरी तरह से फैला देना चाहता हूँ ||
बहाकर खुद को तेरी इस हवा में,
मैं पूरी तरह से मदहोश होना चाहता हूँ ||
इस मदहोशी को ,मैं बरकरार रखना चाहता हूँ,
तुझसे इश्क कर,खुद को तेरा गुलाम बनाना चाहता हूँ ||
मैं तेरे हाथों की कलम बनना चाहता हूँ,
तु लिखे जिसे हर कागज पर, वो लफ्ज़ बनना चाहता हूँ ||
पूरे जहाँन में चर्चें हों हमारी मोहब्बत के,
तुझसे कुछ ऐसी मोहब्बत करना चाहता हूँ ||
तुझसे कुछ ऐसी मोहब्बत करना चाहता हूँ.....
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